- आदर्श विद्यामन्दिर, माध्यमिक, सूरसागर, जोधपुर
स्वागत पृष्ठ -
आदर्श विद्यामंदिर सूरसागर, जोधपुर विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से सम्बद्ध एवं राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त हिन्दी माध्यम का एक श्रेष्ठ विद्यामंदिर है । आधुनिक शिक्षा के साथ संस्कारमय शिक्षा प्रदान कर व्यक्ति निर्माण के श्रेष्ठ कार्य में निरन्तर गतिमान इस विद्यालय की स्थापना सन् 1993 में की गई थी । तदन्तर राष्ट्र निर्माण के पुनीत कार्य में अग्रसर यह विद्यालय आज की महती आवश्यक शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है ।
प्रधानाचार्य सन्देश -
आदर्श विद्यामंदिर सूरसागर, जोधपुर का उद्देश्य विद्यार्थियों को सर्वांगीण विकास के लिये प्रेरित करना है । विद्यामंदिर अपने विद्यार्थियों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों यथा शैक्षिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, शारीरिक में श्रेष्ठता साबित करने की चुनौती प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है । हमारा विद्यालय विद्यार्थियों की बौद्धिक जिज्ञासा को उत्साहवर्धित करके विकसित करने हेतु निरन्तर प्रयासरत है । विद्यालय की अपेक्षा है कि विद्यार्थी यहॉं से शिक्षा प्राप्त कर स्वयं को समाज एवं राष्ट्र के लिये एक प्रेरणा स्त्रोत के रूप में प्रस्तुत कर सके । हमें हमारे विद्यार्थियों एवं सम्मानित अभिभवकों पर गर्व है जिन्होंने व्यक्ति निर्माण के पावन कार्य में हम पर विश्वास कर निरन्तर सहयोग प्रदान कर रहे हैं और हम भी उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि हम उनके विश्वास को निरन्तर बनाये रखेंगे । विद्यामंदिर परिवार सभी पूर्व अभिभावकों - विद्यार्थियों, वर्तमान में अध्ययनरत विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों एवं भावी विद्यार्थियों और अभिभावकों का स्वागत करता है जिन्होंने हमें संस्कारक्षम शिक्षा प्रदान करने हेतु एक मंच प्रदान किया है ।
धन्यवाद ।
परिचय -
विद्या भारती के लक्ष्य का लाभ सूर्य नगरी जोधपुर को भी मिले इस हेतु सन् 1993-94 में जोधपुर महानगर के सूरसागर क्षेत्र में इस विद्यामन्दिर की स्थापना की गई । अपने प्रारम्भिक काल में सूरसागर में रोपित इस पौधे ने कालान्तर में वट-वृक्ष का रूप लेकर जोधपुर के हिन्दी माध्यम के श्रेष्ठ विद्यालयों में अपना नाम दर्ज करवाने का गौरव प्राप्त किया है ।
1. शिशुवाटिका - कक्षा अरूण (नर्सरी) से द्वितीया तक विद्यालय परिसर के विशाल प्रांगण में ही अवस्थित है । इस प्रांगण में नन्हें बालकों के लिए 4 अध्ययन कक्ष, झूले, आधुनिकतम खिलौने, खेल मैदान, स्वच्छ शौचालय और शीतल पेयजल व आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं ।
2. माध्यमिक भाग - कक्षा तृतीया से दशमी तक विद्यालय परिसर के विशाल प्रांगण में ही माध्यमिक वर्ग संचालित हो रहा है । जहॉं आधुनिकतम डिजिटल बोर्ड युक्त कक्षा-कक्ष बालक-बालिकाओं को बैठने हेतु पर्याप्त फर्नीचर, सुन्दर लॉन, विशाल खेल मैदान, व आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं ।
विद्यालय परिवार परिचय -
विभिन्न गतिविधियॉं -
बालक के सर्वांगीण विकास हेतु निर्दिष्ट पाठ्यक्रम शिक्षा के साथ-साथ वर्ष पर्यन्त पाठ्योत्तर गतिविधियॉं विद्यालय का एक वैशिष्ट्य है । विद्यालय का प्रयास रहता है कि हर बालक अपने मानसिक, शारीरिक व आध्यात्मिक विकास हेतु किसी न किसी गतिविधि में अवश्य रूप से भाग ले ।
1. बौद्धिक गतिविधियॉं - विद्यालय में समय पर बौद्धिक प्रतियोगिताओं का विद्यालय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक आयोजन किया जाता है । जिसमें सुलेख, श्रुतलेख, चित्रकला, कविता लेखन, कहानी लेखन, अखण्ड भारत मानचित्र, कविता पाठ, गीता श्लोक, सुभाषित, विचार प्रस्तुतीकरण, एकल गीत, संस्कृत लघु एकांकी, वन्दना, वन्दे मातरम्, अन्त्याक्षरी, संस्कृति ज्ञान प्रश्नमंच इत्यादि सम्मिलित हैं ।
2. शारीरिक गतिविधियॉं - विद्यालय में प्रातःकाल सामूहिक योग-व्यायाम का अभ्यास नियमित रूप से करवाया जाता है । शारीरिक प्रतिस्पर्धाओं में बालकों का राष्ट्रीय स्तर तक चयन हो इस हेतु प्रशिक्षकों की देखरेख में निरन्तर अभ्यास करवाया जाता है । जिसमें जिम्नास्टिक, योगासन, बॉलीवाल, कबड्डी, खो-खो, बैडमिन्टन, शतरंज, एथेलेटिक्स, बॉस्केटबॉल, टेबल टेनिस, जूडो, कुश्ती इत्यादि सम्मिलित हैं । विद्यामन्दिर के विद्यार्थियों ने अखिल भारतीय खेलकूद प्रतियोगिताओं में रजत व कॉंस्य पदक भी प्राप्त किये हैं ।
3. सांस्कृतिक गतिविधियॉं - विद्यालय में उत्सव एवं जयन्तियों का आयोजन आचार्याें के मार्गदर्शन में बालकों द्वारा ही किया जाता है । गीत-संगीत, नृत्य-नाटिका, अभिनय का प्रशिक्षित आचार्याें के सानिन्ध्य में अभ्यास करवाया जाता है ।
4. वैज्ञानिक गतिविधियॉं - विद्यामन्दिर के बालकों में वैज्ञानिक गुणों के विकास हेतु पाठ्यक्रम मंे निर्दिष्ट प्रायोगिक कार्याें के अतिरिक्त समय पर विज्ञान मेला, विज्ञान प्रदर्शनी, वैदिक गणित, वाद-विवाद, पत्र-वाचन आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता हैं ।
5. वन्दना - संगीतमय सस्वर ईश वन्दना विद्यामन्दिर की थाती में समाहित है । इसमें बालकों के साथ आचार्याें की सहभागिता प्रातःकाल से ही एक संस्कारक्षम वातावरण का निर्माण करती है ।
6. अभिभावक-आचार्य सामंजस्य - अभिभावकों व आचार्याें के मध्य सकारात्मक व सहयोगात्मक सम्पर्क बालक के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं । इस हेतु विद्यामन्दिर में अभिभावक-सम्मेलन, मातृ-सम्मेलन का आयोजन तथा विविध कार्यक्रमों में अभिभावकों की सहभागिता रहती है । आचार्याें द्वारा बालकों के विकास के संबंध में अभिभावकों से गृह-सम्पर्क कर संवाद स्थापित किया जाता है ।
7. शैक्षिक भ्रमण - बालकों में पर्यावरण एवं ऐतिहासिक जागरूकता तथा घर से बाहर समूह सामंजस्य स्थापित करने के कौशल को विकसित करने हेतु विद्या मन्दिर में समय पर स्थानीय व देश के अन्य स्थानों पर भ्रमण के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं ।
8. चिकित्सा जॉच - विद्यार्थियों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा समय पर चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाता है । प्रतिवर्ष बालकों के ऑंखों का परीक्षण, दॉंतों की जांच तथा अन्य सामान्य जॉच करवाई जाती है । आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिये विद्यामन्दिर में प्राथमिक चिकित्सा सामग्री उपलब्ध रहती है ।
9. पर्यावरण शिक्षा - पर्यावरण शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने हेतु विद्यामन्दिर में पौधा रोपण करना, पेड़ों की देख-रेख में आचार्याें एवं बालकों का सहयोग लेना। प्रदूषण रोकने के यथासंभव प्रयास करना ।
10. आधुनिक सूचना तकनीकी - बालक वर्तमान समय के साथ नयी तकनीकी को भी जान सके इसके लिये कक्षा-कक्षों में डिजिटल बोर्ड द्वारा अध्यापन कार्य करवाना ।
11. वाहन सुविधा - विद्यालय के बालकों को घर से विद्यालय एवं विद्यालय से घर तक सुरक्षित व सुविधाजनक परिवहन हेतु विद्यालय द्वारा क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों से न्यूनतम शुल्क पर वाहन व्यवस्था प्रदान करवायी जाती है ।
इन सभी व्यवस्थाओं के अतिरिक्त विद्यामन्दिर में छात्र संसद, पूर्व छात्र परिषद्, विद्यालय पत्रिका ‘आदर्श’ का प्रकाशन, दलित व पिछड़े वर्ग के उत्थान हेतु संस्कार केन्द्र, विभिन्न संस्थाओं पर सरकारी स्तर पर प्रतियोगी परीक्षाओं, आचार्याें के ज्ञान में गुणात्मक वृद्धि हेतु आचार्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों का समय पर आयोजन किया जाता है ।
योजनाएॅं -
1. भौतिक विकास - बौद्धिक विकास
2. स्मार्ट विद्यालय - ई-लर्निंग
3. स्मार्ट आचार्य, लिपिक, सेवा सहयोगी
4. हरियाली युक्त विद्यालय परिसर
5. उचित सफाई व्यवस्था
6. उच्च स्तरीय सुरक्षा - चौकीदार
7. विस्तार - माध्यमिक में क्रमोन्नत
8. व्यवस्थित वाहन व्यवस्था
9. सभी सुविधाओं युक्त खेल मैदान
10. उचित पानी तथा शौचालय व्यवस्था
11. उच्च स्तरीय वाहन व्यवस्था
12. अंग्रेजी युक्त वातावरण
13. जल-पान गृह
14. उच्च स्तरीय पुस्तकालय
15. अद्भुत शैक्षिक भ्रमण
16. प्रतिभावान व कमजोर भैयाओं के लिये विशेष कक्षाएॅं
17. आत्म रक्षा का प्रशिक्षण - विशेष बहिनों के लिये
- विद्यालय समिति 2023-26
- क्र. नाम दायित्व दूरभाष
- 1 श्री पुखराज भाटी संरक्षक 9829747947
- 2 श्री किशनलाल गहलोत संरक्षक 9829027481
- 3 श्री राकेश परिहार अध्यक्ष 9414476469
- 4 श्री भजनीराम गहलोत उपाध्यक्ष 9829834544
- 5 श्रीमती प्रीतिलता गहलोत उपाध्यक्ष 9829027933
- 6 श्री भेराराम देवडा व्यवस्थापक 9829193609
- 7 श्री राधेश्याम बूब कोषाध्यक्ष 9828922620
- 8 श्री बिरदाराम जी विकास प्रमुख 9828463194
- 9 श्रीमती शोभा कच्छवाह शैक्षिक प्रमुख 9799454599
- 10 श्री गंगाराम प्रजापत सेवा प्रमुख 9828343151
- 11 श्री देवकुमार राजपुरोहित सम्पर्क प्रमुख 9413185749
- 12 श्री पंकज सोलंकी प्रचार प्रमुख 7792006437
- 13 श्री प्रवीण कच्छवाह पर्यावरण प्रमुख 9829381120
- 14 श्री पंकज सांखला संस्कृति बोध परियोजना प्रमुख 7014262477
- 15 श्रीमती ललिता गहलोत सदस्य 6375454010
- 16 श्री चम्पालाल बलाई सदस्य 9829260330
- 17 श्री श्यामसुन्दर दाधीच सदस्य 7790892113
- 18 श्री महेन्द्र सोनी सदस्य 9928330200
- 19 श्री जगाराम जाखड़ सदस्य 9828082911
- 20 श्री मदनसिंह सदस्य 9829592609
- 21 श्री दिलीप पंवार सदस्य 9694317971
- 22 श्री धीरेश व्यास सदस्य 9414295593
- 23 श्री हिम्मताराम सदस्य 9829168352
- 23 श्री तेनसिंह प्रधानाचार्य 7737681976
-ः सम्पर्क:-
श्री तेन सिंह
प्रधानाचार्य
9602075023
E-mail Id - [email protected]